रंग मले जब होली
मुझको ना भाये
जब हो ना हमजोली ।
मुझको ना भाये
जब हो ना हमजोली ।
रंग गुलाल न भाये
भाये ना होली
जब साजन तड़पाये ।
भाये ना होली
जब साजन तड़पाये ।
-रमेश चौहान
अटल अटल है आपका, ध्रुव तरा सा नाम । बोल रहा हर गांव में, पहुंच सड़क का काम ।। जोड़ दिए हर गांव को, मुख्य सड़क के साथ। गांव शहर से जब जुड़ा...
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