‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

//दोहा मुक्तक-अधीरता//


व्याकुल होकर मन मुकुर, ढूंढ़ रहा है प्यार ।
प्यार प्राण आधार है, इस बिन जग बेकार ।।
जग बेकार कहे सभी, जब मन होय अधीर ।
अधीरता ही पीर है, तजे इसे संसार ।।

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