‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

मां आदि भवानी है

हाइकू

एक पत्थर
भगवान हो गया
आस्था से रंगे ।

आशा विश्वास
श्रद्धा जगाये रखे
मिट्टी मूरत ।

मैं भक्त हूं
मां आदि भवानी है
सृष्टि रचक ।

मातु बिराजे
श्रद्धा के नवरात
कण-कण में ।

धर्म धारक
अधर्म विदारक
मातु भवानी ।

शक्ति दीजिये
जग में मानवता
अक्षुण रहे ।

-रमेश चौहान

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