‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

हे मनमोहना

ले
मुख
बासुरी
हो सम्मुख
मनमोहना
देकर सुख
हर लीजिये दुख ।।
..........................
हो
तुम
हमारे
सर्वस्व ही
अर्पण तुम्हें
तन मन धन
गुण अवगुण सारे ।।

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