जय जय जय गणराज प्रभु, जय गजबदन गणेश ।
विघ्न-हरण मंगल करण, हरें हमारे क्लेश।।
गिरिजा नंदन प्रिय परम, महादेव के लाल ।
सोहे गजमुख आपके, तिलक किये हैं भाल ।।
तीन भुवन अरू लोक के, एक आप अखिलेश । जय जय जय गणराज प्रभु....
मातु-पिता के आपने, परिक्रमा कर तीन ।
दिखा दियेे सब देेव को, कितने आप प्र्रवीन ।
मातुु धरा अरू नभ पिता, सबको दे संदेश ।। जय जय जय गणराज प्रभु...
वेद व्यास के ग्र्रंथ को, किये आप लिपि बद्ध ।
भाव षब्द कोे साथ मे, देव किये आबद्ध ।।
ज्ञान बुद्धि के प्र्रकाषक, देवा आप गणेश । जय जय जय गणराज प्रभु....
प्र्रथम पूज्य आप प्रभुु, वंदन बारम्बार ।
करें काज निर्विघ्न प्रभुु, पूूजन कर स्वीकार ।।
श्रद्धा अरू विष्वास का, लाये भेट ‘रमेश‘ । जय जय जय गणराज प्रभु....
विघ्न-हरण मंगल करण, हरें हमारे क्लेश।।
गिरिजा नंदन प्रिय परम, महादेव के लाल ।
सोहे गजमुख आपके, तिलक किये हैं भाल ।।
तीन भुवन अरू लोक के, एक आप अखिलेश । जय जय जय गणराज प्रभु....
मातु-पिता के आपने, परिक्रमा कर तीन ।
दिखा दियेे सब देेव को, कितने आप प्र्रवीन ।
मातुु धरा अरू नभ पिता, सबको दे संदेश ।। जय जय जय गणराज प्रभु...
वेद व्यास के ग्र्रंथ को, किये आप लिपि बद्ध ।
भाव षब्द कोे साथ मे, देव किये आबद्ध ।।
ज्ञान बुद्धि के प्र्रकाषक, देवा आप गणेश । जय जय जय गणराज प्रभु....
प्र्रथम पूज्य आप प्रभुु, वंदन बारम्बार ।
करें काज निर्विघ्न प्रभुु, पूूजन कर स्वीकार ।।
श्रद्धा अरू विष्वास का, लाये भेट ‘रमेश‘ । जय जय जय गणराज प्रभु....
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