‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

समय

मंगल पर डाले नजर, रखे कदम जो चांद ।
वही समय को कभी भी, घेर सके ना मांद ।।
घेर सके ना मांद, समय से ओ सब हारे ।
दिये चुनौती सृष्टि, खड़े हैं जो मतवारे ।।
समय बड़ा बलवान, फसे ना वह तो दंगल ।
चले समय के साथ, समय करते हैं मंगल ।।

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