‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

हाइकू


1.आत्मा की तृष्णा
प्रेम और दुलार
निश्छल प्यार ।

2-उलझ गया
चंचल मन मेरा
देख कर उसे।

3-मन की भोरी
वह रूपसी छोरी
मुख छुपाएं ।

4-नयन मूंद
मुझे ही निहारती
मन बसाय ।।

5-मानो ना मानो
अपना है विश्वास
तुम मेरे हो ।

6-.तुम मेरेे हो
मैं तो तुम्हारा ही हूॅं
सात जन्मों से

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