‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

इंशा (तांका)

1.
तूझे भुला मैं
मुझको भी भुले तू
ना तेरा दोष
दोष मेरा भी नही
इंशा ही तो हैं ।

2.
अकेला आया
दुनिया में अकेला हॅू
जग तो राही
जाना मुझे अकेला
दुनिया छोड़

3.
भेड़ सा इंसा
एक राह चलते
स्वार्थ के पथ
सोच विचार तज
देखा देखी में

4.
शान दिखाना
मेरी फितरत है
इंसान हूॅं मैं
दुनिया से सीखा है
आंख दिखाना

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