‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

एक मुठ्ठी की भांति (तांका)

1.
क्यों भूले तुम ?
अपनी मातृभाषा
माॅं का आॅंचल
कभी खोटा होता है ?
खोटी तेरी किस्मत ।

2.
दूर के ढोल
मधुर लगे बोल
नभ में सूर्य
धरातल से छोटा
बहुत सुहाना है ।

3.
आतंकवाद
धार्मिक कट्टरता
नही सीखाता
बाइबिल कुरान
हिन्द का गीता पुराण ।

4.
स्वीकार करें
दूसरो का सम्मान
क्यों थोपते हो ?
पंथ धर्म विचार
सभी खुद नेक हैं ।

5.
गरज रहा
आई.एस.आई.ई
सचेत रहे
हिन्दू मुस्लिम एक
एक मुठ्ठी की भांति ।

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