‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

जय हो जय हो भारत माता (छंदबद्व रचना)

दोहा ‘
भारत माता है भली, भली स्वर्ग से जान ।
नमन करते शिश झुका, देव मनुज भगवान् ।।

चैपाई -
लहर लहर झंडा लहराता । सूरज पहले शीश झुकाता ।
जय हो जय हो भारत माता । तेरा वैभव जग विख्याता ।।

उत्तर मुकुट हिमालय साजे । उच्च शिखर रक्षक बन छाजे ।।
गंगा यमुना निकली पावन । चार-धाम हैं पाप नशावन ।।

दक्षिण सागर चरण पखारे ।  गर्जन करते बन रखवारे
सेतुबंध शिवशंकर जापे     ।  सागर तट रामेश्वर थापे

कोणार्क सूर्य पूरब थाती     ।  जगन्नाथ की जग में ख्याती
सोमनाथ पश्चिम विख्याता ।  सागर तट द्वारिका सुहाता ।।

लाल किला दिल्ली का शोभा । ताज महल जग का मन लोभा
माँ-शिशु का है अपना नाता  । जय हो जय हो भारत माता

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