दोहा ‘
भारत माता है भली, भली स्वर्ग से जान ।
नमन करते शिश झुका, देव मनुज भगवान् ।।
चैपाई -
लहर लहर झंडा लहराता । सूरज पहले शीश झुकाता ।
जय हो जय हो भारत माता । तेरा वैभव जग विख्याता ।।
उत्तर मुकुट हिमालय साजे । उच्च शिखर रक्षक बन छाजे ।।
गंगा यमुना निकली पावन । चार-धाम हैं पाप नशावन ।।
दक्षिण सागर चरण पखारे । गर्जन करते बन रखवारे
सेतुबंध शिवशंकर जापे । सागर तट रामेश्वर थापे
कोणार्क सूर्य पूरब थाती । जगन्नाथ की जग में ख्याती
सोमनाथ पश्चिम विख्याता । सागर तट द्वारिका सुहाता ।।
लाल किला दिल्ली का शोभा । ताज महल जग का मन लोभा
माँ-शिशु का है अपना नाता । जय हो जय हो भारत माता
भारत माता है भली, भली स्वर्ग से जान ।
नमन करते शिश झुका, देव मनुज भगवान् ।।
चैपाई -
लहर लहर झंडा लहराता । सूरज पहले शीश झुकाता ।
जय हो जय हो भारत माता । तेरा वैभव जग विख्याता ।।
उत्तर मुकुट हिमालय साजे । उच्च शिखर रक्षक बन छाजे ।।
गंगा यमुना निकली पावन । चार-धाम हैं पाप नशावन ।।
दक्षिण सागर चरण पखारे । गर्जन करते बन रखवारे
सेतुबंध शिवशंकर जापे । सागर तट रामेश्वर थापे
कोणार्क सूर्य पूरब थाती । जगन्नाथ की जग में ख्याती
सोमनाथ पश्चिम विख्याता । सागर तट द्वारिका सुहाता ।।
लाल किला दिल्ली का शोभा । ताज महल जग का मन लोभा
माँ-शिशु का है अपना नाता । जय हो जय हो भारत माता
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें