‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

मन का साथी

  
धड़कन में,
धड़कती है तू ही,
श्वास प्रश्वास बन ।


जीवन मेरा,
सांसो से ही हीन है,
जीना कैसे हो ।

मेरी पूजा तू,
प्रेम अराधन तू,
रब जैसे हो ।


मेरा जीवन,
नीर बिना मछली,
जीना जैसे हो ।

चंद्रमा बीन,
पूर्णमासी का रात,
भला कैसे हो ।

तुझ बिन मै,
लव बीन दीपक,
साथ जैसे हो ।

मन का साथी,
चिड़या सा चहको,
खुला आंगन ।
-रमेशकुमार सिंह चैहान

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