‘नवाकार’

‘नवाकार’ हिन्दी कविताओं का संग्रह है,विशेषतः शिल्प प्रधन कविताओं का संग्रह है जिसमें काव्य की सभी विधाओं/शिल्पों पर कविता प्राप्त होगीं । विशषेकर छंद के विभिन्न शिल्प यथा दोहा, चौपाई कवित्त, गीतिका हरिगीतिका, सवैया आदि । जपानी विधि की कविता हाइकु, तोका, चोका । उर्दु साहित्य की विधा गजल, मुक्तक आदि की कवितायें इसमें आप पढ़ सकते हैं ।

मेरी अर्धांगनी


प्यार करती है वह मुझको दुलार करती है,
 ख्याल करती वह हर पल मेरे लिये ही जीती है ।  

 डर से नजरें झुकाती नही सम्मान दिखाती है,
 साथ हर पल रह कर दुख सुख में साथ निभाती है ।
  
 लड़ाई नोक झोक से जीवन में उतार चढ़ाव लाती है,
 जिंदगी के हर रंग को रंगती जीवन को रंगीन बनाती है ।

वही मेरी प्रियसी मेरी जीवन संगनीय कहलाती है,
वही मेरी अर्धांगनी मेरे जीवन को परिपूर्ण बनाती है ।
..................‘‘रमेश‘‘.......................

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